No Cost EMI विकल्प का मकसद ग्राहकों को आकर्षित करना है, ताकि वो महंगा सामान किस्तों में आसानी से खरीद सकें
ग्राहकों के लिए फायदे के साथ-साथ घाटे का सौदा साबित हो सकती है नो-कॉस्ट EMI
नो कॉस्ट ईएमआई में क्या वाकई कोई इंटरेस्ट नहीं लगता है? रेगुलर ईएमआई से कितनी अलग है नो कॉस्ट ईएमआई? जानने के लिए देखें ये वीडियो-
फेस्टिव सीजन में 0% स्कीम में शॉपिंग करने वाले हैं तो नफा-नुकसान का कैसे करें आकलन, देखिए जागते रहो में.
कोरोना महामारी का कहर थमने के बाद कारोबार को रफ्तार देने के लिए कंपनियां तरह-तरह के ऑफर दे रही हैं. इनमें नो कॉस्ट ईएमआई सबसे आसान है.
कोरोना महामारी का कहर थमने के बाद कारोबार को रफ्तार देने के लिए कंपनियां तरह-तरह के ऑफर दे रही हैं. इनमें नो कॉस्ट ईएमआई सबसे आसान है.
No Cost EMI: नो-कॉस्ट EMI में आपको केवल चीज का दाम ही EMI में चुकाना होता है और कोई ब्याज नहीं देना होता है.
SBI अपने डेबिट कार्ड पर एक तिमाही में एक ट्रांजैक्शन पर ही EMI ऑफर कर रहा है, यानी आप तिमाही खत्म होने से पहले दूसरा लोन नहीं ले सकेंगे.